भी न, कुछ अलग ही दुनिया है दीन दुनिया से बेखबर वो सफ़ह की महक वो सपनों से अफसाने कभी दार्शनिकता, कभी भावुकता कभी भविष्य, कभी गुजरे कल के सैर करा कर मेरा आज संवारती है, सुप्रभात। किताबों की दुनिया ये नए नए ख़्वाबों की दुनिया। #किताबोंकीदुनिया #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi