मेरे ख्वाबों का शहर ऐसा, जहाँ गुलाबी सुबह गुलाबी शाम हो, ना रखे कोई द्वेष किसी से, वैर भाव सब भूल खुशियाँ तमाम हो। उस शहर में इंसानों की नहीं, बल्कि इंसानियत ही सरेआम हो, मेरे ख्वाबों का शहर कहलाये, पर इसका यथार्थ परिणाम हो। #ख़्वाबों_का_शहर_काव्य_संगीत 🎑काव्य संगीत प्रतियोगिता 19 में आपका स्वागत करता है। आप 4 पंक्ति में अपनी सराहनीय श्रेष्ठ उत्कृष्ट अनुपम उत्तम रचना लिखें।📃 #काव्य_संगीत #yqdidi #yqbaba 👉मौलिक रचना लिखें, वो भी भारतीय भाषा में, और रचना की प्रत्येक पंक्ति में सिर्फ़ 01-12 शब्दों हीं प्रयोग करें। समय सीमा आज 06:30 AM से कल 4:30 PM तक है 👉COLB करने के बाद comment में Done ज़रूर लिखें,