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कलियों के खिलने सी है मुस्कान उसकी उसके अपने चाहते

कलियों के खिलने सी है मुस्कान उसकी
उसके अपने चाहते है बनी रहे वो एसी ही 
मगर, वो कुछ नादान सी है,
जालिम दुनियां से बेखबर उड़ना चाहती है पंख लिए,
 बिना ये जाने कितनी मुस्किले,
खड़ी है उसके इंतजार में,
 सुनो तुम उड़ो,घबराना नहीं,
कोई डाट दे तो सहम मत जाना,
जवाब देना उसे, दिखाना उसे,
तुम कमजोर नहीं,बतलाना उसे,
 अपने संघर्ष की कहानी अपने शब्दों में।।

©Sapna
  #नादानी#शब्द