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किन किन चट्टानों से टकराई, निर्भय चलती रही फिर भी।

किन किन चट्टानों से टकराई,
निर्भय चलती रही फिर भी।
किसी नदी के समान वह,
मन्ज़िल को ढूंढ रही थी।
पराक्रमी और दृण विश्वासी,
उस अलगाववादी हिंसक-
समय की कवयित्री और
स्वतंत्रता सेनानी-
सुभद्रा कुमारी चौहान।
ये देश आपको भूला नहीं है -
आप तो नई पीढ़ी के लिए चेतना हो।
मेरी ओर से जन्मदिन की शुभकामनाएं। 
भारतीय तटरक्षक सेना ने 28 अप्रैल 2006 को सुभद्राकुमारी चौहान की राष्ट्रप्रेम की भावना को सम्मानित करने के लिए नए नियुक्त एक तटरक्षक जहाज़ को सुभद्रा कुमारी चौहान का नाम दिया है।
भारतीय डाकतार विभाग ने 6 अगस्त 1976 को सुभद्रा कुमारी चौहान के सम्मान में 25 पैसे का एक डाक-टिकट जारी किया है।
:
मैं साहित्य की मञ्जूषा को सादर सत सत नमन करता हूँ।
:
आगरा और इलाहाबाद से इनका गहरा नाता है।
🙏🍂🍫😊😊🙏🙏🍂😊🙏🙏💟💟😊🙏🍂🍂🙏🙏🙏
किन किन चट्टानों से टकराई,
निर्भय चलती रही फिर भी।
किसी नदी के समान वह,
मन्ज़िल को ढूंढ रही थी।
पराक्रमी और दृण विश्वासी,
उस अलगाववादी हिंसक-
समय की कवयित्री और
स्वतंत्रता सेनानी-
सुभद्रा कुमारी चौहान।
ये देश आपको भूला नहीं है -
आप तो नई पीढ़ी के लिए चेतना हो।
मेरी ओर से जन्मदिन की शुभकामनाएं। 
भारतीय तटरक्षक सेना ने 28 अप्रैल 2006 को सुभद्राकुमारी चौहान की राष्ट्रप्रेम की भावना को सम्मानित करने के लिए नए नियुक्त एक तटरक्षक जहाज़ को सुभद्रा कुमारी चौहान का नाम दिया है।
भारतीय डाकतार विभाग ने 6 अगस्त 1976 को सुभद्रा कुमारी चौहान के सम्मान में 25 पैसे का एक डाक-टिकट जारी किया है।
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मैं साहित्य की मञ्जूषा को सादर सत सत नमन करता हूँ।
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आगरा और इलाहाबाद से इनका गहरा नाता है।
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