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#शीर्षक:- पत्नी की पहचान है। यदि पति ईश्वर है त


#शीर्षक:- पत्नी की पहचान है। 

यदि पति ईश्वर है तो पत्नी देवी शक्ति स्वरूपा है,
पति यदि बादल है,पत्नी हरित वसुधा रूपा है । 

है पति यदि समन्दर कोई,पत्नी कल-कल बहती धारा ,
है पति यदि पथ,तो पत्नी खुशमिजाज मंजिल का सहारा। 

पति यदि ॠतु है तो पत्नी भी ऋतु-धारा  ,
पति यदि चांद धवल है तो पत्नी मधुर चाँदनी श्रृंगारित सितारा। 

पति यदि है प्रेम की करवट , तो पत्नी जी प्रेम की अंगड़ाई है,
पति यदि मधुरस है तो पत्नी मदहोश नशीली गहराई है। 

पति यदि विरत है,तो पत्नी अनुरक्त है सिद्धि ,
पति यदि सोलह सावन व्रत है तो पत्नी प्रारब्ध की मंजूषा की रिद्धि। 

पति यदि खुशी है तो पत्नी चैन-सुकून है,
पति यदि जज्बात प्रबल है तो पत्नी प्रेम-फव्वारा जून है। 

पति यदि हैं कोरे कागज तो पत्नी इन्दधनुषी रंग है ,
पति यदि हुई स्नेह-वर्षा तो पत्नी सीप की मोती-सी प्रेम रंग है । 

पति यदि विश्वास है तो पत्नी समर्पण है ,
पति यदि बस प्यार इज्ज़त दे तो पत्नी का सर्वस्व अर्पण है । 

पति-पत्नी मात्र नाम नहीं प्रेमिल परिवार और समाज है ,
सदियो से अस्तित्व था,रहेगा और आज है। 

पति विशेषता जितनी उतनी विशेषण पत्नी में निहित समान है ,
पति नाम बस नाम नहीं , पत्नी की पहचान है । 

शास्त्रों में सात जन्मों का मिलान है 
पत्नी नाम पति-जीवन का संविधान है,
चले मिलकर तो जीवन खुशहाल जीवंतशील,
टकराव भी, तकरार भी इस रिश्ते का विधान है | 

(स्वरचित)
प्रतिभा पाण्डेय "प्रति"
चेन्नई

©Pratibha Pandey
  #mohabbatपतिपत्नी