मोर मुखूट पंख धारी छवि राधा किशोर की, मोह ले मन को बांसुरी माखन चोर की, प्रेंम अर्थ शोभीत करे, दुर्शत होये, भय, मोह, क्रोध से, बिन नीर भी धारा बहे, सागर भरे जो प्रेंम से, महाकाल भी नृत्य करे, देख.. लीला अद्भुत प्रेंम की, बंजर धरा भी खिल उठे, पग धरे जो राधा संग किशोर भी.. #NojotoQuote #nojoto #nojotopoetry #nojotolove #writer