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सुबह से शाम तक कमाने में मशरूफ़ शाम को घर आकर थक कर

सुबह से शाम तक कमाने में मशरूफ़
शाम को घर आकर थक कर सो गए
अगली सुबह, फिर वही कवायद जारी

कमाना क्यूं ? जीने के लिए
जिये कब? मालूम नहीँ
जीने के लिए रसद का बटोरना है जारी 

कितना कमाना? सात पुश्तें खाएं
पुश्तें होंगी? मालूम नहीं
खा पाएंगी?मालूम नही
उनके लिए जीवन भर पिसना है जारी

कोल्हू का बैल, दिशा और मंजिल नहीं
पूंछ ऐंठने के डर से भागे चले जाते हो
सुबह से शाम तक कमाने की कवायद में
जीवन से बूंद बूंद जान निकालना है जारी

कमाना क्यूं ? जीने के लिए
जिये कब? मालूम नहीँ #कमानाक्यों
#जीनाक्यों
सुबह से शाम तक कमाने में मशरूफ़
शाम को घर आकर थक कर सो गए
अगली सुबह, फिर वही कवायद जारी

कमाना क्यूं ? जीने के लिए
जिये कब? मालूम नहीँ
जीने के लिए रसद का बटोरना है जारी 

कितना कमाना? सात पुश्तें खाएं
पुश्तें होंगी? मालूम नहीं
खा पाएंगी?मालूम नही
उनके लिए जीवन भर पिसना है जारी

कोल्हू का बैल, दिशा और मंजिल नहीं
पूंछ ऐंठने के डर से भागे चले जाते हो
सुबह से शाम तक कमाने की कवायद में
जीवन से बूंद बूंद जान निकालना है जारी

कमाना क्यूं ? जीने के लिए
जिये कब? मालूम नहीँ #कमानाक्यों
#जीनाक्यों
jaisingh8835

Jai Singh

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