एक परिंदे सी है जिंदगी उड़ान भरने से पहले तोड़ दिए जाते हैं हम बेटियां हैं जनाब आसमान में पंछी की तरह पंख फैलाने से पहले जमीन पर पटक दिए जाते हैं हर मोड़ पे ठुकरा दिए जाते हैं हौसले की उड़ानों को बंद कमरों में कैद कर दिए जाते हैं हम बेटियों को परिंदे सी जिंदगी नसीब नहीं होती हैं कभी समाज के तानों से कभी कोख में ही मार दिए जाते हैं हम बेटियों है जनाब हमे परिंदे के तरह जीने नहीं दिए जाते हैं ©Jha Pallavi Jha #परिंदे_की_उड़ान