ऐ यार मेरे.. ऐतबार है तुझपे ये कोई फ़िक्र नहीं खोया था तू इसका ज़िक्र नहीं...!! ये बदकिस्मती ही तो है मेरी कि तेरी आंख नम थीं ये कैसे कह दे कि रोए भी नहीं हम...!! रंज इन आंखों को भी रही नींद से खुली आंखों से जो तेरा ख्वाब देखते रहे हम..!! उधेड़ कर एक ज़ख्म फिर सी दिया है हमनें, तुम्हें क्या पता जाम-ए-दर्द पिया है हमनें..!!💔 #poetrycommunity #शेर_ओ_शायरी #मकता #heartbroken #YourQuoteAndMine Collaborating with AARAV