"जी करता है आज इज़हार कर दूँ,
सरेआम अपनी मोहब्बत का इक़रार कर लूँ,
उमड़ रहे जज़्बातों को बाहर कर दूँ,
या धड़कनों को अभी और बेक़रार कर लूँ।
जाकर उसकी बाहों में गले का हार कर दूँ,
आलिंगन में भरकर उसे प्यार बेशुमार कर लूँ,
उस पर अब जाँ निसार कर दूँ, #Poetry#shayaripage#स्वरचितरचना#AnjaliSinghal