Nojoto: Largest Storytelling Platform

लम्हों का गुलाम आज कुछ लम्हे जो मेरे गुलाम है, क

लम्हों का गुलाम 

आज कुछ लम्हे जो मेरे गुलाम है,
कल क्या पता मैं उन्हीं का गुलाम बन जाऊं,
जिंदगी की ये जो असमंजस है,
सुलझाते सुलझाते ही कही मौन न हो जाऊ।

क्या सही क्या गलत,
ये तय करते करते भी लोग खो जाते हैं,
अपनी पहचान बनाने में,
कुछ अपनो को ही खो देते हैं।

आज किसी के पास लम्हों की जागीर है,
तो कल वो उन्हीं को तलाशता फकीर हैं,
जो कद्र कर सके हर लम्हों की,
वही सच्चा अमीर है ।

©Ashok Sah लम्हों का गुलाम 
#MereKhayaal
लम्हों का गुलाम 

आज कुछ लम्हे जो मेरे गुलाम है,
कल क्या पता मैं उन्हीं का गुलाम बन जाऊं,
जिंदगी की ये जो असमंजस है,
सुलझाते सुलझाते ही कही मौन न हो जाऊ।

क्या सही क्या गलत,
ये तय करते करते भी लोग खो जाते हैं,
अपनी पहचान बनाने में,
कुछ अपनो को ही खो देते हैं।

आज किसी के पास लम्हों की जागीर है,
तो कल वो उन्हीं को तलाशता फकीर हैं,
जो कद्र कर सके हर लम्हों की,
वही सच्चा अमीर है ।

©Ashok Sah लम्हों का गुलाम 
#MereKhayaal
ashokkumarsah9659

Ashok Sah

New Creator