मैं उजाले का सपना देखता हूँ, अंधेरे मेंं फ़िर तीली कई मैं जलाता हूँ, अंधेरे मेंं कुछ पलों का उजाला मुझे जीने की राह दिखाता है पर मैं फ़िर लौट कर सो जाता हूँ, अंधेरे मेंं #दो_टुक #दोटुक #travelingpoet #traveling_poet