"इशक़ बुखार ऐसा न उम्र ही पूछी बस चढ़ गया, जब उतरा तो सारा रंग ही लेकर उतर गया, कुछ सीने से उतरा आहिस्ता आहिस्ता, कुछ तो कमबख्त आँखों मे जाके भर गया।" "इशक़ बुखार ऐसा न उम्र ही पूछी बस चढ़ गया, जब उतरा तो सारा रंग ही लेकर उतर गया, कुछ सीने से उतरा आहिस्ता आहिस्ता, कुछ तो कमबख्त आँखों मे जाके भर गया।"