मैंने वक़्त बदलते देखा है गिरतों को सँभलते देखा है। कुछ हार गए कुछ टूट गए कइयों के अवसर छूट गए। कुछ ने पाया कुछ ने खोया वो रातों को छिपकर रोया। फ़िर भी वह रण में लड़ता है नित कर्ण की भांति मरता है। नित नए जीवन के आस में वह थोड़ा थोड़ा उभरता है। अपनों को अमृत पिलाकर वह हँसकर विषपान करता है । कभी रुकता कभी झुकता है फ़िर उठकर आगे बढ़ता है। अपनों के दिए घावों को मुस्कान के साथ सेता है मैंने वक़्त बदलते देखा है। गिरतों को सँभलते देखा है। मैंने वक़्त बदलते देखा है। #Nojoto #1st_poem #Motivation #inspiration #struggle #pain #fight #संघर्ष #हिम्मत #never_give_up