सुबह तो कितनी बीत गयी, पर ख्वाइशें तो उसकी जैसे मन मे जहर घोल गयी, हँसी भी उसकी किसी अंग में ठहर गयी । जज़्बाती तो वो हमेशा से था, पर लफ्जो में उसके बस एक सवाल होता था, कीमत लगाले तू मेरी उम्र को बढ़ा के या घटा के, पर बदले में शांति जरूर दे देना । #yqbaba#yqdidi#शांति#लफ्जो#peace