Nojoto: Largest Storytelling Platform

क्या लिखूं अब लिखने को कुछ बचा ही नहीं। जो था हमार

क्या लिखूं अब लिखने को कुछ बचा ही नहीं।
जो था हमारे दरमियां अब वो कुछ रहा ही नहीं।।
मेरी ज़िंदगी में आना और बार बार चले जाना।
आदत सी हो गई हैं अब इन सब बातों की मुझे।।
न खुश हूं ना दुखी न ही अब दर्द में हूं मैं।
तेरे लिए अब दिल में कोई जगह बची ही नहीं।।

©allah ka nek banda
  दर्द

दर्द #Shayari

234 Views