))))) उथल-पुथल किस्मत है ((((( """"""""""""""""""""""""""""""""" संघर्षरत है जिंदगी, विषाक्त हुई अब जिंदगी, जियूं तो कैसे जियूं। अपनों से प्यार है, गम भी बेशुमार है, गम को पिऊं तो कैसे पिऊं उथल पुथल किस्मत है, हर टेबल पर रिश्वत है, स्वर्ग की दरिया में कूदूं तो कैसे कूदूं। दुखों की बारिश हो रही, मस्ती में है कहर, राख होती आंसू को पिऊं तो कैसे पिऊं। मृत्युपति भी पुकार रहा अब, शिकार बनाने को यम तैयार बैठा है, आगे और जियूं तो ऐसे जियूं। मुसाफिर हूं मैं कुछ पल का सफर है, शुन्य गगन ही अब हमसफर है, बिछड़ते अपनों का आंसू पियूं तो कैसे पियूं। संघर्षरत है जिंदगी, विषाक्त हुई अब जिंदगी, जियूं तो कैसे जियूं।। """"""""""""""""""""""""""""""""""" प्रमोद मालाकार की कलम से 07.09.2013....120 ************************ ©pramod malakar #संघर्षरत है जिंदगी...120 Shiva Durgesh nandani patel Ritesh Yadav Raman Deepak Bisht ziya ansari