Nojoto: Largest Storytelling Platform

झूम उठा ये गगन मन के आंगन में, तब हुई संकलित एक क

झूम उठा ये गगन मन  के आंगन में,
तब हुई संकलित एक कविता मन के मंदिर में।

जब जब चली ये मंद पवन,भवरा कलियों पर मंडराया।
मन मयूर भी नाच उठा, चिड़ियों ने करलव गया।

बेचैन हुआ मन कोई राह ना सूझे, घड़ी घड़ी बदले छाया।
हर आहट पर दौड़ पड़ी, शाय़द मेरा कान्हा आया।

मेरे जीवन की बगिया में प्रभू,फल फूलों की कमी नहीं।
पर ना जाने क्यों बगिया मेरी, लगती बिना माली की।

चरणों की यदि धूल मिले तो हो जाए जन्म सफल मेरा।
एक बार बस एक बार,प्रभू मुझ पर भी दया करो।
अल्फ़ाज़ मेरे ✍️🙏🏻🙏🏻

©Ashutosh Mishra #Baagh 
झूम उठा गगन मन के आंगन में।
तब हुई संकलित एक कविता मन के मंदिर में।
NojotoHindi NojotoEnglish NojotoNews Nojotothought Nojotopoetry Sonali chanda sharma poonam atrey narendra bhakuni Neel
ashutoshmishra1014

Ashutosh Mishra

Silver Star
Growing Creator
streak icon24

#Baagh झूम उठा गगन मन के आंगन में। तब हुई संकलित एक कविता मन के मंदिर में। NojotoHindi NojotoEnglish NojotoNews Nojotothought Nojotopoetry Sonali chanda sharma @poonam atrey @narendra bhakuni @Neel

729 Views