कितना कुछ लिखा गया लेकिन पढ़ा नही गया उनसे जिनके लिए लिखा गया शायद कभी नही पढ़ा जाएगा वो सब जो जरूरी है उन्हें नही जानना उनके अधिकार और कर्तव्य या आजादी का मतलब अगर लिखा पढ़ भी लिया ये मानेंगे नही पेशाब वहीं करेंगे उन्ही दीवारों पर जहां लिखा है साफ साफ सौच मना है ©मिहिर जनता