आखिर क्यों जूठी तसल्ली देते हो खुद को..! आखिर क्यों जूठी तसल्ली देते हो खुद को? जब जानते हो कितना कुछ कर सकते हो, न जाने क्यों खुद को ऐसे बांध रहे हो.. जब खुद उसको सोच कर आंसू बहा रहे हो। हा, सच है ये नहीं रोकेगा कोई तुझको क्युकी उनके लिए जो है तुझपे बहुत है, लेकिन तुम तो सब कुछ जानते हो,