परिवर्तन की इक नयी पहल... विगुल बज रहा नवपरिवर्तन का मिलकर कदम बढ़ाओ सब, समाज राष्ट्र उत्थान के लिए संग मिलकर जय गाओ सब । संग मिलके जय गाओ सब। समय हो रहा परिवर्तन का मिलकर कदम बढ़ाओ सब... नवल प्रभा की नवल रश्मि से उर्जित तन-मन-प्राण करो, नवयुवा राष्ट्र के जनहित में अब नवयुग की शुरुआत करो। जन-जन में देवत्व जगाओ जनहित का सम्मान करो, प्रश्न उठ रहा मानव समाज में अब तो इक हुंकार भरो। समय हो गया समाधान का मिलके आवाज उठाओ सब, समाज राष्ट्र उत्थान के लिए संग मिलकर जय गाओ सब । मिलके कदम बढ़ाओ सब। -- दुर्गेश बहादुर प्रजापति परिवर्तन की इक नयी पहल...