तुम मुझे स्वीकार कर लो घेरकर परिधि में अपनी, प्रेम अंगीकार कर लो ... मैं तुम्हारा हो चुका हूं , तुम मुझे स्वीकार कर लो। मन पुलक उठेगा गदगद, देह तन श्रृंगार कर लो.. कांपती कंचन सी काया, मधु वासना पुकार सुन लो। चेतना रहने न पाए आकार चक्र कर लो सूखे अधर अंगार से , अमृत छिड़कत संचार कर लो।। तुम मुझे स्वीकार कर लो