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तुम मुझे स्वीकार कर लो घेरकर परिधि में अपनी, प्

तुम मुझे स्वीकार कर लो

 घेरकर परिधि में अपनी,
 प्रेम अंगीकार कर लो ...
मैं तुम्हारा हो चुका हूं ,
तुम मुझे स्वीकार कर लो।

मन पुलक उठेगा गदगद,
 देह तन श्रृंगार कर लो..
 कांपती कंचन सी काया,
 मधु वासना पुकार सुन लो।

चेतना रहने न पाए
 आकार चक्र कर लो 
सूखे अधर अंगार से ,
अमृत छिड़कत संचार कर लो।। तुम मुझे स्वीकार कर लो
तुम मुझे स्वीकार कर लो

 घेरकर परिधि में अपनी,
 प्रेम अंगीकार कर लो ...
मैं तुम्हारा हो चुका हूं ,
तुम मुझे स्वीकार कर लो।

मन पुलक उठेगा गदगद,
 देह तन श्रृंगार कर लो..
 कांपती कंचन सी काया,
 मधु वासना पुकार सुन लो।

चेतना रहने न पाए
 आकार चक्र कर लो 
सूखे अधर अंगार से ,
अमृत छिड़कत संचार कर लो।। तुम मुझे स्वीकार कर लो
anujray7003

Anuj Ray

Bronze Star
New Creator