सर्वधर्म समभाव 🕉️☪️✝️☮️ (अनुशीर्षक पढ़ें🇮🇳) धर्म के नाम पर ज़माने वाले आग खूब लगातें हैं, हम राम नाम में लीन होकर, रहीम को दिल में बसातें हैं। क्या फरक है इस गात में? तेरा दफ़न होगा, मेरा जल जाएगा? क्यों जीते जी ही इस दिल में ये नफ़रत का शमशान जलातें हैं? धर्म भले सब अलग अलग हो, पर ये एक ही राह ले जातें हैं, हम जलियावाला कांड पर रोएं, यीशु के समक्ष शीश झुकाते हैं। क्यों बिखरें हम यूं मोती से? चल माला ही अब बन जातें हैं।