क्यों ख़ुशी के बदले ख़ुशी नही मिलती क्यों दुआ के बदले दुआ नही मिलती क्यों मोहबब्त इबादत की तरह करने के बाद भी इस इश्क में वफ़ा नही मिलती क्यों इश्क के बागों में वफ़ा के फूल नही खिलते क्यों मोह्हबत के बागों के माली को सिर्फ काँटे है मिलते #Khusi