Subject: पर तब भी मर्द को दर्द हुआ था जब वो पहली बार गिरता है तब उसने बताया नहीं था, पर तब भी मर्द को दर्द हुआ था। जब उसकी मां को अपने पापा से मार खाते हुए देखा था तब वो चुप रहा था, पर तब भी मर्द को दर्द हुआ था। जब उस पर पहली बार बुली हुई थी तब खून पोंछ लिया था, पर तब भी मर्द को दर्द हुआ था। जब उसकी बहन को नोच लिया था तब वो गुस्सा हुआ था, पर तब भी मर्द को दर्द हुआ था। जब उसकी गर्लफ्रेंड उसको छोड़कर चली गई थी तब उसने दिल पर पत्थर रखकर मूव ऑन करा था, पर तब भी मर्द को दर्द हुआ था। जब उसकी बहन की बिदाई हुई थी तब सब को चुप करा रहा था, पर तब भी मर्द को दर्द हुआ था। जब उसके बच्चे को पहली बार शराब पीकर आया था तब वो बच्चे को डांट रहा था, पर तब भी मर्द को दर्द हुआ था। जब उसकी नौकरी में टेंशन आया था तब किसी को बता नही पाया था, पर तब भी मर्द को दर्द हुआ था। जब उसके बेटे और बहू उसको छोड़कर जा रहे थे तब वो गुस्सा हुआ था, पर तब भी मर्द को दर्द हुआ था। “जिंदगी के हर मोड़ पर मर्द को दर्द होता है, पर वो हस्ते हस्ते सब सहन कर लेता है।” ©writer girl #Mardkokabhidardnhihota