झील सरी तोर आंखी के का क़सूर, डूबने ही वाले ल गहराई के अंदाज़ा नई रिहिस, कभू रज़ामंदी त कभू बग़ावत हे इश्क़, मया राधा के हे त मीरा के इबादत हे इश्क़, न जाने दिल म कतको बार हो जाथे अईसे, तोर सुरता आथे अउ मैं उदास हो जाथों, कुछु नई हे आज मोर शब्द के गुलदस्ता म, कभू-कभू मोर ख़ामोशी ल पढ़ ले करव, थोकिन के रंजिश म झन छोड़ देना कोन्हों अपन के दामन जिनगी गुज़र जाथे अपन ल अपन बनाये म, जिनगी तोर भी का अज़ब परिभाषा हे, संवर गे त सरग नई ते सिर्फ़ तमाशा हे, बर्बाद करके चल दिस वो जिनगी प्यार के नाव ले, बेवफ़ाई ही मिलिस मोला सिर्फ़ वफ़ा के नाव ले, कोन से ग़म रिहिस जेन ताज़ा नई रिहिस, अतका ग़म मिलहि मोला अंदाज़ा नई रिहिस, खोल झन तैं मोर क़िस्मत के क़िताब ल, हर वो शख़्स मोर दिल ल दुखाये हे जेकर ऊपर नाज़ रिहिस, ओकर बेरुख़ी हर छिन ले हे मोर हर वो शरारत, अउ लोगन समझथे कि जैनेश कुमार सुधर गे हे ।। #chhattisgarh #chhattisgarhi #jainesh_kumar