चाहत की बारिश मुझपे कुछ हो जाने दे आज, मुद्दत मैं प्यासा रहा मुझपे बरस जा तू आज। थोड़ी आग लगा दे तू मदमस्त निगाहों से, साँसे महका दे तू मेरी अपने ज़ज़्बातों से । मुझे करले थोड़ा प्यार , कर हया तू दरकिनार, साँसे न आती मुझको इश्क़ की हवा चला दे यार। तुम बिन फ़ना है सब, मेरी बर्बाद जवानी है, जो गुज़र रहा है वक़्त जीवन की रवानी है। एक ठहराव दे जा तू इन लड़खड़ातें क़दमों को, मेरी रूह बना ले अपनी, भर मेरे सारे ज़ख्मों को। मेरी आस तुझ ही से सजनी, मेरा हक़ दिला दे तू, इस माँग को अपनी आज मेरे नाम सजा ले तू। ♥️ Challenge-760 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें। ♥️ अन्य नियम एवं निर्देशों के लिए पिन पोस्ट 📌 पढ़ें।