समझो तो अग़र समझो तो जीवन में ठोंकरों के बाद ही मुक़ाम है वरना यह जीवन निष्काम है। अग़र समझो तो जीवन में ज्ञानार्जन के बाद ही मुक़ाम है वरना यह जीवन निष्काम है। अग़र समझो तो जीवन में संघर्षों के बाद ही मुक़ाम है वरना यह जीवन निष्काम है। अग़र समझो तो जीवन में सम्मान के बाद ही मुक़ाम है वरना यह जीवन निष्काम है। अग़र समझो तो जीवन में समर्पण के बाद ही मुक़ाम है वरना यह जीवन निष्काम है। डा ललित फरक्या "पार्थ" #डा पार्थ