मुझे टूटकर फिरसे जुड़ना नहीं आता मैं राही हूँ सफर का मुझे उड़ना नहीं आता साख से टूटा हुआ पत्ता हूँ मैं टूटकर डाली से फिर मुझे जुड़ना नहीं आता ©Prem Mishra Me Rahi hu Sagar Ka