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राखी राखी रखना सदा मान बहन का

                   राखी 

राखी रखना सदा मान बहन का।
तुमसे ही है सम्मान मायके का।।
प्यारा सा एक बंधन हो तुम दिल का।
निभाना तुम रिश्ता आखिरी सास तक का।।
मैं बांधती नही सिर्फ धागा सूत का।
मैं तो सहेजती हूं प्यार बचपन का।।
मैं सिर्फ मांगती नहीं वचन रक्षा का।
मैं तो लेती भी हूं ,शगुन तेरी जीवन भर रक्षा का।।
तेरे पर आंच भी नही आने देने का संकल्प।
मांगती हूं भाई मैं तुझसे तेरी ही खुशहाली का विकल्प।।
मैं देती वादा स्वयं बनकर सुरक्षा कवच तेरे साथ चलने का।
पर कदम तो तेरे ही है,वक्त रहते बस तू संभालता जा।।
यही बंधन ये बहन तुझसे चाहती धागे का।
तू मुस्कुराता रहे,सदा मान रखे मेरी राखी का।।
देती हूं तुझको आशीष मांगती हूं तेरे लिए दुआ।
ईश्वर की छांव सदा रहे तुझ पर तुझसे ही है मेरी सुबह।।
मां के आंचल की छांव सा तू भी तो है भाई प्यारा रिश्ता।
तू रौनक है मेरे जीवन की,हर्षित सा तुझसे है जीवन मेरा।।
स्वेतमयी किरणों सा बिखरा है,शिल्प से सजा ये त्योहार सुनहरा।
रेशम के  धागों से बुना नाजुक सा ये रिश्ता सागर सा गहरा।।

 





               शिल्पी

©chahat
  राखी
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chahat

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राखी #Shayari

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