जो पहले झुक जाते हैं अक्सर लोग दिल उन्ही का दुखाते हैं कुत्तों जैसी औकात है जिनकी शेर वो बन जाते हैं चांटते हैं तलवे हाकीमों के सामने दुम वो हिलाते हैं समाज के वास्ते तो उनसे कुछ होता नई बस फोकट में भोले भाले लोगों को सताते हैं आयुष कुमार गौतम अक्सर लोग उनका ही दिल दुखाते हैं.....