White पूछिये मत क्यों नहीं आराम आया रात भर उनके आने का ख़याले-ख़ाम आया रात भर और लोगों की कहानी सुनके मैं करता भी क्या मेरा अफ़साना ही मेरे काम आया रात भर याद करने को ज़माने भर के ग़म भी कम न थे भूलने को बस तुम्हारा नाम आया रात भर मयक़दे से तिश्नालब लौटे थे शायद इसलिये ख़्वाब में रह-रह के खाली जाम आया रात भर देखना है अब कहाँ रह पायेगी तौबा मेरी मेरे ख़्वाबों में उमर ख़य्याम आया रात भर वक़्त क़म है काम काफ़ी दोस्तो कुछ तो करो उम्र के ख़ेमे से ये पैग़ाम आया रात भर ©दीपबोधि #sad_qoute शायरी हिंदी में दोस्त शायरी शायरी हिंदी