रोज़ पीते हैं आंँसू को रोज़ तुम्हें याद करते हैं। लेकर तस्वीर हाथों में,उसी से बात करते हैं। तुम्हारी याद आती है तो दिल बेचैन होता है। सनम हो जाओ तुम मेरी यही फ़रियाद करते हैं। शहर रूठे जमी रूठे ख़ुदा गर रूठ भी जाए। रुहानी गर मोहब्बत है तो साथ परवाज़ करते हैं। इरादा निकाह का तेरा बे इरादा हो गया कैसे। इश्क किसी और से गर है तो जा आजाद करते हैं। ऐसा इरादा तो नहीं था मगर हो गया। #बेइरादा #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi #hkkhindipoetry #मौर्यवंशी_मनीष_मन