...तब काश! कोई एक पागल हो गया होता... चिल्लाकर कहता वो कि नहीं! ये नहीं, ये है मेरा नाम, नहीं! इस शब्द से है मेरी भूमि की पहचान! काश! कोई मौत तक जिद ठानता उसका वंश उस जिद को अपना मानता, वो कहते कि जो एक गिरता है, दूसरा वहीं से उठता है ये असुविधा नहीं कि कंठ दुखता है अभिशाप भी तो कर्ण में चुभता है। काश! वो जुनून होता किसी एक के अंदर अरण्य और अंधेरे में भी भयंकर काश कोई बड़बड़ाता जाता क्यों पहचान से गाली हूँ मैं त्यक्त, अभिशप्त, नष्ट या भ्रष्ट नहीं, मैं वही वैभवशाली हूँ। #प्रयागराज #yqhindi #yqdidi #yqbaba #yqquotes