हैं बरबाद लेकिन ख्वाइशें आसमां सी रखते हैं , न जाने देखने वाले हमें क्यों ऐसा समझते है, नादानी थी हमारी जो हम हारे दिल मुहब्बत में तराजू दे दिया उनको जो आंख होते भी अंधे हैं ।। चयन अयोग्यता का