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White मैं अब इस दुनिया मे आना नही चाहती नही चाहती

White मैं अब इस दुनिया मे आना नही चाहती 
नही चाहती इस समाज का हिस्सा बनना 
गूंगे बहरे लोगो के बीच अब रहना नही चाहती 
भरे बाज़ार मे छेड़ा गया मुझे
मेरी मदद को कोई आगे न बढ़ा 
हाथ सभी के बंधे थे दिखे
रिश्ता ऐसे लोगों से बना रिश्तों को गाली देना नही चाहती 
मैं अब इस दुनिया मे आना नही चाहती 
नही चाहती इस समाज का हिस्सा बनना 
गूंगे बहरे लोगों के बीच अब मै रहना नही चाहती 
जिस्म की मंडी मे बेचती हूं जिस्म अपना  मगर
औरों की भांति ईमान बेच अपना शर्मिंदा होना नही चाहती
मैं अब इस दुनिया मे  आना नही चाहती 
नही चाहती इस  समाज का हिस्सा बनना 
बंद पिंजरे मे ठीक हूं मे 
खुले आसमान मे घात लगाए गिद्धों के बीच अब मै जाना नही चाहती 
पर काट दे ए मेरे खुदा ऊंचाइयों को अब मै छूना नही चाहती 
मैं अब इस दुनिया  में आना नही चाहती 
नही चाहती इस समाज का हिस्सा बनना 
गूंगे बहरे लोगों के बीच अब मे रहना नही चाहती

©sushil
  #World_Photography_Day  Parul rawat  Laxmi Singh  khushi saini  Sircastic Saurabh  "Kabir"