ढल गया दिन पर तेरी कोई खबर न आई है, टूट रहा तेरा वादा फ़क़त ही नजर टिकाई हैं, मन हो गया अफसुर्द, बस आँख भर आईं हैं, सच आज मोहब्बत में फिर मिली बेवफ़ाई हैं। 🌝प्रतियोगिता-66 🌝 ✨✨आज की रचना के लिए हमारा शब्द है ⤵️ 🌹"ढल गया दिन "🌹 🌟 विषय के शब्द रचना में होना अनिवार्य नहीं है I कृप्या केवल मर्यादित शब्दों का प्रयोग कर अपनी रचना को उत्कृष्ट बनाएं I