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कितना मुश्किल है समझना जज्बातों को मोहब्बत के भरम

कितना मुश्किल है
समझना जज्बातों को
मोहब्बत के भरम खुद से
रुबरु होने नहीं देते !
फ़लक़ और ज़मीन
मिलते तो है दूर वादियों में
आमने सामने रहकर भी
एक होने नहीं देते !
दिल मेरा हो धड़कन तेरी
हर लफ़्ज़ कहता है
जाने क्या है जो दोनों को
हम होने नहीं देते !
वस अब तो दामने दिल
छोड़ तू बेकार उम्मीदें
मोहब्बत में कहीं शामिल
मुझे तुम होने नही देते !

     🍫🍫☕☕💕💕🍨🍧💓🍫😂☕💕🙏🍨
:
परिष्कार का अर्थ है—शोधन। किन्तु; शोधन किसका व्यक्तित्व का। और, व्यक्तित्व का अर्थ है—शरीर, मन, बुद्धि और आत्मा। परिष्कार क्यों ताकि स्वयं के मूल को जान सकें। जीवन को लक्षित कर सकें। उपयोगी जीवन जी सकें।
परिष्कार का मार्ग आकलन और आकलन-व्यक्तित्व का। शोधन का अभ्यास और नए लक्ष्यों का चिन्तन। स्वाध्याय के बिना, चिन्तन के बिना यह कार्य सम्भव नहीं है। स्वयं के बारे में उन वृत्तियों का चिन्तन, जिन्हें परिष्कृत करना है। उन व्यसन-वासनाओं का चिन्तन, जो निमित्त पाकर जागृत हो जाती हैं। उन
कितना मुश्किल है
समझना जज्बातों को
मोहब्बत के भरम खुद से
रुबरु होने नहीं देते !
फ़लक़ और ज़मीन
मिलते तो है दूर वादियों में
आमने सामने रहकर भी
एक होने नहीं देते !
दिल मेरा हो धड़कन तेरी
हर लफ़्ज़ कहता है
जाने क्या है जो दोनों को
हम होने नहीं देते !
वस अब तो दामने दिल
छोड़ तू बेकार उम्मीदें
मोहब्बत में कहीं शामिल
मुझे तुम होने नही देते !

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परिष्कार का अर्थ है—शोधन। किन्तु; शोधन किसका व्यक्तित्व का। और, व्यक्तित्व का अर्थ है—शरीर, मन, बुद्धि और आत्मा। परिष्कार क्यों ताकि स्वयं के मूल को जान सकें। जीवन को लक्षित कर सकें। उपयोगी जीवन जी सकें।
परिष्कार का मार्ग आकलन और आकलन-व्यक्तित्व का। शोधन का अभ्यास और नए लक्ष्यों का चिन्तन। स्वाध्याय के बिना, चिन्तन के बिना यह कार्य सम्भव नहीं है। स्वयं के बारे में उन वृत्तियों का चिन्तन, जिन्हें परिष्कृत करना है। उन व्यसन-वासनाओं का चिन्तन, जो निमित्त पाकर जागृत हो जाती हैं। उन