ऊमर ये अजनबी है,हिदायत कुछ नहीं बेचैनियों की मनमानियां मगर हिमाक़त कुछ नहीं तनहाइयाँ है हमसफ़र ,पीर की राह पर उलझी हुई है साँसों की डोर मगर शिकायत कुछ नहीं शिकायत कुछ नहीं #पारस #हमसफर #ऊमर #अजनबी