झील सी गहरी खामोशी फैली है तेरे मेरे दरमियां कुछ कंकड़ अल्फाजों के तो मार इस खामोश लहर में एक साज बन के गुजर तू मेरे दिल के नगर से समेट लूँ मैं तेरे आवाज को अपने तराने में बेचैनी मेरी ढूँढ रही तूझे अपनी खामोशी में इक अरसे से तलाश रही तेरी गुफ्तगु के सिलसिले #nojoto #hindi #nojotohindi #nojotowriters #love #khamoshi #jhil #alfaaj #sad #lovestory