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कहीं धूप गहरी ,कहीं छांव ओझल! शहर आ गया तो हुआ गा

कहीं  धूप गहरी ,कहीं छांव ओझल!
शहर आ गया तो हुआ गांव ओझल।।

©डॉ मनोज सिंह,बोकारो स्टील सिटी,झारखंड। (कवि,संपादक,अंकशास्त्री,हस्तरेखा विशेषज्ञ 7004349313)
  #गांव