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देर तक सोता हूं मै। उठना नहीं चाहता हूं, कुछ कड़वे

देर तक सोता हूं मै।
उठना नहीं चाहता हूं,
कुछ कड़वे सपने भी देखता हूं,
कुछ सच्चे भी।
मगर मै जनता हूं ,
ये महज एक सपना है,
फिर भी उठना नहीं चाहता....

उन सपनों में, 
मै उनको देखता हूं,
जिन्हे मैंने कभी खो दिया,
वो जीवित है सिर्फ मेरी आंखो में,
छूकर उन्हें महसूस करना चाहता हूं।
वो खिसक जाते है ,
हवाओं की तरह।

#मनीष #dream


#Star
देर तक सोता हूं मै।
उठना नहीं चाहता हूं,
कुछ कड़वे सपने भी देखता हूं,
कुछ सच्चे भी।
मगर मै जनता हूं ,
ये महज एक सपना है,
फिर भी उठना नहीं चाहता....

उन सपनों में, 
मै उनको देखता हूं,
जिन्हे मैंने कभी खो दिया,
वो जीवित है सिर्फ मेरी आंखो में,
छूकर उन्हें महसूस करना चाहता हूं।
वो खिसक जाते है ,
हवाओं की तरह।

#मनीष #dream


#Star