वो भी क्या दिन थे होली के जब हमने लाल,पिले,नीले ग़ुलाल खेले थे, तभी कोरोना की काली नज़र हम पर पड़ी, मानो ज़िन्दगी सफेद सी हो गयी है अब इंतजार तो बस सुनहरा उस दिन का है, जब वैक्सीन आएगी, जिंदगी हमारी फिर से हरी हो जाएगी। तो आइए, आज #yopodimo में एक #कलरपोएम (रंग कविता) लिखते हैं। जिसमें रंगों के ज़िक्र से मनोभावों अथवा घटना का चित्रण करना है। #collab #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi