ए ऊपर वाले बहुत लेली आपने इम्तेहान मेरी..... अब फ़िर से टूटना नही चाहता अब थक गया हू इन इम्तेहानो से अब इम्तेहानों को खत्म कर परिणाम तो दीजिए..... कुछ ज्यादा बड़ी खवाशिए नही मेरी जो छोटा सा है उसे ही पूरा तो कीजिए दे दीजिए मेरी मंजिल मुझे अब अब कोई इम्तेहान न लीजिए क्यूंकि अब मैं टूट चुका हुं थक गया हुं । मेरी प्रार्थना तो सुनिए....... कोई जवाब तो दीजिए..... जवाब तो दीजिए .......