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धोखे वैसे तो मेरे घर तक तू चला आता है फिर उसके बाद

धोखे वैसे तो मेरे घर तक तू चला आता है
फिर उसके बाद तेरे दिल में क्या आता है
तेरे खत आज लतीफों की तरह लगते हैं
खूब हंसता हूँ जहाँ लफ्ज़ ए वफ़ा आता है
Written By
Zubair Ali Tabish #ZubairAliTabish_Poetry
धोखे वैसे तो मेरे घर तक तू चला आता है
फिर उसके बाद तेरे दिल में क्या आता है
तेरे खत आज लतीफों की तरह लगते हैं
खूब हंसता हूँ जहाँ लफ्ज़ ए वफ़ा आता है
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Zubair Ali Tabish #ZubairAliTabish_Poetry