इश्क़ बेपनाह, है गुनाह ? रात-दिन सोचूं तुझे रात-दिन पूजूं हूँ तुझे मैं तुझसे हूँ जुड़ा हर तरह, हर समय तकुं तेरी राह। है इश्क़ गुनाह।। हे शिव - मेरे ईश्वर हे शंभू, हे जगदीश्वर तुम अपने पावन चरणों में दे दो मुझको पनाह कर दो मुझको, मुझसे ही जुदा मुझसे ही रिहा हर तरह, हर तरह। क्योंकि... इश्क़ बेपनाह, है गुनाह।। "Embark" Trying to figure out #life . Absolute Peace. #nothing