.. सुबह है आई, इस्तक़बाल किजे, तकल्लुफ़ क्यूँ जी, तवज्ज़ो दिजे, कीमत, किफायत से पहले क़द्र किजे, उसूल से वसूल नहीं, प्रीत से जीत लिजे, आईये मुस्कुरा कर, गर्म चाय की चुस्की लिजे..! .. अनिंद्य .. 🌱खुशामदीद..💞 (२१ अक्तुबर २०१७)