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इस सियासत की करनी से बेजार हूं इन दिनों मैं यहां स

इस सियासत की करनी से बेजार हूं
इन दिनों मैं यहां सबसे लाचार हूं।
 
मैं हूं वाक़िफ यहां के हर एक ज़ुल्म से।
बेबसी में जो छपता वो अखबार हूं

ये मोहब्बत की रुत अब नहीं है बची
क्यों में हर इक की नफ़रत का हकदार हूं

है जो इंसान की खाली सूरत है ये
असलियत में तो मैं वहशी किरदार हूं

मुफलिसी का है मारा जहां में रसिक
डर में जो जी रहा वो कलमकार हूं

~Himanshu Kuniyal #जिंदगी #वर्तमान #Presentlife #NojotoHindi #Shayari
इस सियासत की करनी से बेजार हूं
इन दिनों मैं यहां सबसे लाचार हूं।
 
मैं हूं वाक़िफ यहां के हर एक ज़ुल्म से।
बेबसी में जो छपता वो अखबार हूं

ये मोहब्बत की रुत अब नहीं है बची
क्यों में हर इक की नफ़रत का हकदार हूं

है जो इंसान की खाली सूरत है ये
असलियत में तो मैं वहशी किरदार हूं

मुफलिसी का है मारा जहां में रसिक
डर में जो जी रहा वो कलमकार हूं

~Himanshu Kuniyal #जिंदगी #वर्तमान #Presentlife #NojotoHindi #Shayari