हाँ मैं रजस्वला हूँ स्त्री होने का सुख यह रज ही तो है तुम्हें आकार देकर सार्थक करने का दिव्य दायित्व मुझ पर है पर मुझे अपवित्र करार दिया गया ऋषिपंचमी की कथा और कब तक बांचोगे ??? क्या तुम इस बात से डरते हो अगला जन्म बैल का न हो जाये अगर यही सोच है तो अब क्या हो ???? हाँ मैं रजस्वला हूँ गर्व है मुझे, पर तुम मेरे इस प्रेम के उन्माद को न समझ पाओगे और तुम पेड़ के सड़ जाने का ज्ञान बाँटते फिरो और बताओ की मैं अपवित्र हूँ अपवित्रता 2-3-4 दिनो मे सीमित कर फिर मुझे पवित्र कर देने की आत्म-संतुष्टि मे जियो हाँ मैं रजस्वला हूँ और पुजा मेरे लिए वर्जित है इष्ट की मूर्ति भी नहीं छु सकती दूध मुहे बच्चे को दुग्ध पान तो करवाती हूँ फिर वह अपवित्र नहीं होता वह मुरझाता नहीं और बच्चे तो भगवान स्वरूप है ,,मुझे छूते है छाती से चिपके रहते हैं ,, उफ़्फ़... पर मैं अपवित्र हूँ हाँ मैं रजस्वला हूँ हाँ उस दौरान कुछ थकी रहती हूँ बुजुर्गो ने मेरे आराम के लिए निर्धारित किए थे वे दिन पर तुमने ???????????????? हाँ मैं रजस्वला हूँ तुम्हारी दमनवादी सोच की पक्षधर नहीं रूढ़िवादिता से रीढ़ कमजोर न होने दूँगी रजस्वला होती रहूँगी नैसर्गिक सुंदर बंधन को नहीं त्यागती पाखंडों का गुणगान मुझसे न होगा क्षमा करना कभी आओ सार्थक्ता के नीड़ के नीचे सच को स्वीकारें निर्विवाद दमनकारी सोच को पीछे छोडते हाँ मै रजस्वला हूँ