द्वितीय रचना :- देश भक्ति हर साँस मेें "ज़िक्र" तेरा होता रहें जहां तक देखूँ, तू नज़र आता रहें शान से 'तिरंगा' प्यारा लहराता रहें देख कर इसे मन मेरा 'हर्षाता' रहें 'जुल्म' का यूँ नामोनिशान ना रहें हर इंसान माँ की लाज बचाता रहें लहू बहाके भी सींचते रहें चमन ये गुलिस्ताँ यह हर पल महकता रहें दाग लगे ना दामन मेें माँ के कभी कर्म ऐसा हर 'भारतीय' करता रहें #cinemagraph #collabwithकोराकाग़ज़ #जन्मदिनकोराकाग़ज़ #kkजन्मदिनमहाप्रतियोगिता #kkजन्मदिन #kkजन्मदिन_2 #kkhbd2022 #कोराकाग़ज़